लोग वहम-ओ-गुमान रखते हैं
अपने हक में बयान रखते हैं
मुल्क आखिर यकीन किस पे करे
सब हथेली पे जान रखते हैं
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं
आप सच बोलने का अज्म करें
किस्सा गो दास्तान रखते हैं
पाँव किसके ज़मीं पे हैं 'सर्वत'
सभी ऊंची उड़ान रखते हैं
अपने हक में बयान रखते हैं
मुल्क आखिर यकीन किस पे करे
सब हथेली पे जान रखते हैं
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं
आप सच बोलने का अज्म करें
किस्सा गो दास्तान रखते हैं
पाँव किसके ज़मीं पे हैं 'सर्वत'
सभी ऊंची उड़ान रखते हैं
30 टिप्पणियां:
बहुत दिनों बाद ब्लॉग की सुधि आई है. मालूम नहीं आपको पसंद आए न आए. कमेंट्स की इच्छा बिलकुल भी नहीं है, सिर्फ हाजिरी लगाई है...:)
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
BAHUT KHOOB !!
AAP KI AAMAD APNE USEE SHADD O MAD USEE AAB O TAAB KE SAATH HUI HAI
MUBARAK HO !!
मैंने दो बार टिप्पणी दी...पता नहीं कहाँ गायब हो गई
गुरु जी क्या गज़ब कहा है....
"लोग वहम-ओ-गुमान रखते हैं
अपने हक में बयान रखते हैं"
आप पिछले जन्म में ज़रूर गोताखोर रहे होंगे तभी तो ऐसे ऐसे मोतियों जैसे शे'र जेहन के सागर से खोज लाते हैं जिसका कोई जोड़ नहीं....
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं
Pooree gazal behtareen hai,par ye panktiyan khaas achhee lageen!
लोग वहम-ओ-गुमान रखते हैं
अपने हक में बयान रखते हैं
ये शेर तो सीधे भेद कर निकल गया.
उस्तादों का तजुर्बा क्या होता है
शेर दर शेर निकल आता है.
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
बहुत खूब.
"अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं "
वाह वाह क्या सच्चा शेर है
नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ
bahut khoob
पाँव किसके ज़मीं पे हैं 'सर्वत'
सभी ऊंची उड़ान रखते हैं
sabhi ki bajaaye sab hi agar kahen to shaayad jyaada achha lage, meri raay mein.
AAP KA RANG E TAGHAZZUL HAI NEHAYAT DILNASHEEN
AAP KE ARZ E HUNAR PAR AAFREEN SAD AAFREEN
HAI NEHAYAT KHOOBSOORAT NAAM SARWATINDIA
SAB KA MANZOOR E NAZAR HO AAP KA DILKASH BLOG
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं
वाह सर्वत साहब बेहद खूबसूरत और असरदार ।
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं
बहुत सुंदर सर्वत साहब खूबसूरत गज़ल ।
Wah Ustaad ab kya kahu mai...bus mehsus kar sakta hu...baar baar padh raha hu shayad thoda sa asar mil jaye aapka...sabhi ashaar bahut Zabardast hain..Zindabaad
अगली रचना के इंतज़ार में ।
लोग वहम-ओ-गुमान रखते हैं
अपने हक में बयान रखते हैं waaaaaaaaaah
मुल्क आखिर यकीन किस पे करे
सब हथेली पे जान रखते हैं Excellent keh diya
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं lajawaaaaaaaab hai
अब गले मिलते हैं कहाँ इंसान
फासला दरमियान रखते हैं Bada sach waaah
आप सच बोलने का अज्म करें
किस्सा गो दास्तान रखते हैं beshak khoooob
पाँव किसके ज़मीं पे हैं 'सर्वत'
सभी ऊंची उड़ान रखते हैं Zabardast waah
har sher bolta hua .... lajawaab tkhayyul aur lab o lehje se aarasta ...behtareen ghazal ke liye dili mubarakbaad Mohtaram Sarwat Jamal Sahab .......
आप के स्वस्थ और प्रसन्न होने की कामना के साथ आप की वापसी का इन्तज़ार भी है ।
I was very encouraged to find this site. I wanted to thank you for this special read. I definitely savored every little bit of it and I have bookmarked you to check out new stuff you post.
Good efforts. All the best for future posts. I have bookmarked you. Well done. I read and like this post. Thanks.
Thanks for showing up such fabulous information. I have bookmarked you and will remain in line with your new posts. I like this post, keep writing and give informative post...!
The post is very informative. It is a pleasure reading it. I have also bookmarked you for checking out new posts.
Thanks for writing in such an encouraging post. I had a glimpse of it and couldn’t stop reading till I finished. I have already bookmarked you.
Thanks for writing in such an encouraging post. I had a glimpse of it and couldn’t stop reading till I finished. I have already bookmarked you.
मालिक-ए-दो जहाँ समझता है
जो ज़बां बेज़बान रखते हैं
भाईजान सर्वत जमाल सा'ब
आदाब !
आपके किसी एक शे'र को उद्धृत करने से कभी संतुष्टि हुई है न हो सकती है …
आज सिर्फ़ यह कहने के लिए आया हूं कि -
आपको यहां नई ग़ज़ल लगाए हुए आज पूरा एक साल हो गया है …
ख़ज़ाना दबा कर रखना आपकी फ़ितरत में भी है , इस पर यक़ीं तो नहीं अभी तक …
…और , न कहीं आना न जाना ! ये कैसा जोग ?!
(यहां मैं पहले भी कमेंट करके गया था , स्पैम से निकाल लें समय मिले तब …)
www.blogger.com owner you are great
[url=http://luv-2-share-pics.tumblr.com]nude pics[/url]
Best adult pay per click
[url=http://www.youtube.com/watch?v=QdRWd3nJFjE]Best adult ppc[/url]
Are you seeking for [url=http://bbwroom.tumblr.com]BBW pics[/url] this blog is the right place for you!
www.blogger.com owner you are awsome writer
Here you got some [url=http://epic-quotes.tumblr.com]funny quotes tumblr[/url] for better humour
आपकी लेखनी का इन्तजार है।
एक टिप्पणी भेजें