हवा पर भरोसा रहा
बहुत सख्त धोखा रहा
जो बेपर के थे, बस गए
परिंदा भटकता रहा
कसौटी बदल दी गयी
खरा फिर भी खोटा रहा
कई सच तो सड़ भी गए
मगर झूट बिकता रहा
मिटे सीना ताने हुए
जो घुटनों के बल था, रहा
कदम मैं भी चूमा करूं
ये कोशिश तो की बारहा
चला था मैं ईमान पर
कई रोज़ फाका रहा
सर्दी और अजवाइन
-
अजवाइन के फायदे मैंने पहले भी बताएं हैं।
सर्दी के मौसम में ठंड लग जाने से लूज मोशन ,सिर दर्द , बुखार जैसी समस्याओं
को ये ...
2 माह पहले
5 टिप्पणियां:
आप आये बहार आई
वीनस केसरी
दादा प्रणाम
आपने मुझे स्नेह लायक समझा ये आपका बडप्पन और मेरा सौभाग्य है. इस बहाने आपकी ग़ज़लें पढने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ. कह नहीं सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं. हर ग़ज़ल कहने लगी कि मुझे पढ और मैं पहली से ही आगे नहीं बढ पा रहा. बडे बेमन से नेट जोडा था लेकिन मेरा आज का दिन सार्थक हो गया.
ये क्रम निश्चित रूप से आगे भी जारी रहेगा.....
सर्वत जी
दुनिया बहुत खराब हुई है झूठ को सच्चा कहने में
सत्य प्रशंशा करने में बहुत कृपण है यह संसार
आपके हक को लौटता हूँ क्यों रखूँ मै कहो उधार
आपके शेरो से आखिर हम भी ख़ुशी पाते हैं यार
फिर एक बेहतरीन गजल
पुनरागमन पर स्वागत
हवा पर भरोसा रहा....
खरा फ़िर भी खोटा रहा....
मिटे सीना ताने हुए....
जो घुटनो के बल था रहा
क्या बात है सर्वत भाई
waah...bahut khoob...
मेरी ग़ज़ल और समकालीन ग़ज़ल पत्रिका देखें..आपको अवश्य अच्छा लगेगा...
एक टिप्पणी भेजें