tag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post8532551072179511611..comments2023-10-19T04:31:57.666-07:00Comments on sarwat india सर्वत इंडिया: गज़ल- एक बार फिरसर्वत एम०http://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-4756728880852618582010-05-26T08:49:16.305-07:002010-05-26T08:49:16.305-07:00आज दिनों बाद फुरसत से आया हूँ- "सर्वतमय"...आज दिनों बाद फुरसत से आया हूँ- "सर्वतमय" होने...<br /><br />एक जबरदस्त ग़ज़ल उस्ताद...वैसे सच पूछिये तो कौन-सी ग़ज़ल आपकी जबरदस्त नहीं होती।<br /><br />मतले से लेकर मक्ते तक...बस उफ़्फ़ उफ़्फ़ उफ़्फ़!!!<br /><br />इस शेर पर एक फौजी का कड़क सैल्युट<br />"फ़रमाँबरदारों को इस का इल्म नहीं <br />हाकिम नाफ़रमानी पर भी लिक्खेंगे "गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-83174819347407360772010-04-25T07:30:27.709-07:002010-04-25T07:30:27.709-07:00हम ने सर्वत प्यार मुहब्बत खूब लिखा
क्या हम खींचात...हम ने सर्वत प्यार मुहब्बत खूब लिखा <br />क्या हम खींचातानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />क्या मिसाल दूँ बेमिसाल कीM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-48919337081063499222010-04-24T04:15:41.715-07:002010-04-24T04:15:41.715-07:00अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है
और अनपढ़ तो पानी...अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है<br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />poori ghazal shaandarपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-36792783851928431472010-04-23T07:07:11.160-07:002010-04-23T07:07:11.160-07:00गज़ब का लिखा है सरवत भाई ! तारीफ़ क्या करून ...बड़...गज़ब का लिखा है सरवत भाई ! तारीफ़ क्या करून ...बड़े बड़े लोगों के सामने ...मगर बार बार पढने का जी करता है ! शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-49273465481143743902010-04-21T21:04:16.683-07:002010-04-21T21:04:16.683-07:00आपकी यह रचना ब्लॉग जगत में आनी वाली उत्कृष्ट पद्य ...आपकी यह रचना ब्लॉग जगत में आनी वाली उत्कृष्ट पद्य रचनाओं में से है. साधुवाद.<br />भवानी प्रसाद मिश्र की वह पंक्ति याद आ रही है-<br />" मैं किसम किसम के गीत बेचता हूँ."hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-32776851617115025112010-04-21T06:47:17.787-07:002010-04-21T06:47:17.787-07:00Tera har ek ashaar khoobsoorat hai ae rafeeq!
Ek k...Tera har ek ashaar khoobsoorat hai ae rafeeq!<br />Ek kee taareef doosre kee tauheen hogi!<br />Umda aur achook!सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-63880639524650290032010-04-21T01:06:05.335-07:002010-04-21T01:06:05.335-07:00अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है
और अनपढ़ तो पानी...अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है<br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए<br />खेती और किसानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />हम ने सर्वत प्यार मुहब्बत खूब लिखा<br />क्या हम खींचातानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />Baap re baap..aap to bolti band kar dete hain!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-80368108736520951282010-04-20T19:56:30.720-07:002010-04-20T19:56:30.720-07:00अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है
और अनपढ़ तो पान...अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है <br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br /><br />कमाल का है.....<br />बहुत गहरी बात...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-91248408246448130712010-04-20T11:16:23.482-07:002010-04-20T11:16:23.482-07:00neki kar daryaa mein daal, jo kahte hain....neki kar daryaa mein daal, jo kahte hain....manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-49343733422683474112010-04-20T10:59:19.375-07:002010-04-20T10:59:19.375-07:00dariyaa mein khatkaa hai ji...
ismat mam ki baat ...dariyaa mein khatkaa hai ji...<br /><br />ismat mam ki baat ko muflisi andaaz mein dekhiye...<br /><br /><br />1 aur...<br /><br />baaki ghazal shaandaar hai...manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-44191584770415600212010-04-20T06:41:01.203-07:002010-04-20T06:41:01.203-07:00जो गज़लें हमारी आँखों से नहीं गुजरीं
उसका हमें भी...जो गज़लें हमारी आँखों से नहीं गुजरीं <br />उसका हमें भी दुःख है.....<br />सर्वत साहब,, <br />ऐसे नगीने कहाँ छिपा के रखते हो<br />ये पहले की गज़लें हैं ...वाह..<br />तो अब क्या आलम है <br />वो हम सब जानते ही हैं <br /><br />गज़लें पहले की हैं,मन को भाती हैं <br />पढ़ ली हैं,अब बानी पर भी लिक्खेंगे <br />बातें साफ़, कहन भी उजला-उजला है <br />हम हर बात सयानी पर भी लिक्खेंगे <br />शेरों की खूबी का अपना जादू है <br />लहजा, तर्ज़,रवानी पर भी लिक्खेंगे <br />'नेकी कर' वाले पर डालो एक नज़र <br />वरना हम नादानी पर भी लिक्खेंगे <br />'अपना तो कागज़ पर..'सोच अलग-सी है <br />हम ऐसी मन-मानी पर भी लिक्खेंगे <br />सारे शेर बने हैं देख मिसाल अपनी <br />ऐसी खूब-बयानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />मुबारकबाद .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-46363550577084424912010-04-19T08:58:18.150-07:002010-04-19T08:58:18.150-07:00आप अपनी आसानी पर भी लिक्खेंगे
यानी बेईमानी पर भी ...आप अपनी आसानी पर भी लिक्खेंगे <br />यानी बेईमानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />नेकी कर दरिया में डाल, कहने वाले <br />मामूली कुर्बानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />waah waah <br /><br />महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है <br />पूछो, छप्पर-छानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />kya baat pooch li<br /><br />फ़रमाँबरदारों को इस का इल्म नहीं <br />हाकिम नाफ़रमानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है <br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए <br />खेती और किसानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />हम ने सर्वत प्यार मुहब्बत खूब लिखा <br />क्या हम खींचातानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />bahut shaandaar gazal<br />ye bahut achcha kiya aapne ......ki mujhe ye gazal padhne mili<br />purani nayab gazlen aisi hi padhwate raheश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-50373169284347346512010-04-18T22:36:36.380-07:002010-04-18T22:36:36.380-07:00महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है
पूछो, छप्पर-छान...महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है <br />पूछो, छप्पर-छानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />आपका क्या है जनाब किसी भी विषय पर लिखने का हुनर है आपमें .....!!<br /><br />अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है<br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />ये अच्छा व्यंग किया .....बहुत खूब .....!!<br /><br /><br />हम ने सर्वत प्यार मुहब्बत खूब लिखा<br />क्या हम खींचातानी पर भी लिक्खेंगे<br /><br />एक बार फिर हो जाये .....प्यार को जिन्दा रखना भी जरुरी है .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-67860734015078505862010-04-18T07:28:01.900-07:002010-04-18T07:28:01.900-07:00बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए
खेती और किसानी...बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए <br />खेती और किसानी पर भी लिक्खेंगे <br />बहुत सुन्दर शेर है सर्वत साहब. जिस तरह लोग शहरों और नौकरियों की ओर दौड़ रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि खेती-किसानी भी किस्सा न बन जाये.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-22113434259528990362010-04-18T05:59:59.283-07:002010-04-18T05:59:59.283-07:00behtreen kathay ,kathay ki drishti se aapki 'g...behtreen kathay ,kathay ki drishti se aapki 'gazlen '.<br />apne hone kaa ehsaas karaa deten hain ,jab gazal koi zmaane ko sunaa deten hain .<br />veerubhai 1947 .blogspot .comvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-87288429839228239532010-04-18T02:05:14.261-07:002010-04-18T02:05:14.261-07:00नेकी कर दरिया में डाल, कहने वाले
मामूली कुर्बानी ...नेकी कर दरिया में डाल, कहने वाले <br />मामूली कुर्बानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है <br />पूछो, छप्पर-छानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />फ़रमाँबरदारों को इस का इल्म नहीं <br />हाकिम नाफ़रमानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />सर्वत साहब एक एक कर सब शेर ही दुबारा उतार गये थे कॉमेंट लिखते लिखते .... पर फिर दुबारा ३ शेर ही रहने दिए .... आपकी कलाम से शेर नही हक़ीकत निकलती है ... किसी एक का चयन बहुत ही मुश्किल होता है .... मज़ा आ गया ... लाजवाब ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-88850393400680900722010-04-18T01:35:02.655-07:002010-04-18T01:35:02.655-07:00जनाब!
बहुत ख़ूब!
जो तंज़ 'खेती और किसानी पर'...जनाब!<br />बहुत ख़ूब!<br />जो तंज़ 'खेती और किसानी पर' लिखने में आया है, वो जान है ग़ज़ल की।<br />जारी रहिए, जो जो छूटा पिछ्ले बरस, उसे शाया कीजिए।<br />बहुत ख़ूब।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-969994223690854742010-04-17T11:29:34.800-07:002010-04-17T11:29:34.800-07:00बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए
खेती और किसानी...बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए <br />खेती और किसानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />शानदार गजल। बहुत दिन बाद गजल मिली, वरन ब्लाग पर आकर निराशा ही रहना पडता था।<br /><br />बधाईbijnior districthttps://www.blogger.com/profile/02245457778160306799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-65548093886938718042010-04-17T10:55:48.807-07:002010-04-17T10:55:48.807-07:00अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है
और अनपढ़ तो पानी...अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है<br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे<br />............बहुत खूब सर्वत साहब.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-64642009761640030312010-04-17T07:09:44.346-07:002010-04-17T07:09:44.346-07:00इस्मत साहिबा आदाब, आप का शुक्रगुज़ार हूँ कि आप इस न...इस्मत साहिबा आदाब, आप का शुक्रगुज़ार हूँ कि आप इस नाचीज़ के टूटे-फूटे कलाम को अहमियत देती हैं. मैं खुद को मुब्तदी ही समझता हूँ और कभी उस्ताद बनने या समझने की गलती नहीं की. इसके बावजूद आप और ढेरों ब्लागर भाई-बहनों की मुहब्बत मुझे हासिल है जिस पर फख्र भी है.<br />आपने जिस मिसरे पर नजरे-सानी के लिए कहा है, उसे हर तरह से परखने के बाद ही मैं ने गजल में शामिल किया है. अगर आपको कुछ कमी नजर आई हो तो निशानदही कीजिएगा. अपनी आँख में पड़ा जर्रा नजर नहीं आता. मुझे उम्मीद है आप बताकर फिर शुक्रगुज़ार होने का मौक़ा देंगी.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-61942571069347180722010-04-17T05:51:58.989-07:002010-04-17T05:51:58.989-07:00महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है
पूछो, छप्पर-छान...महलों पर लोगों ने ढेरों लिक्खा है <br />पूछो, छप्पर-छानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />फ़रमाँबरदारों को इस का इल्म नहीं <br />हाकिम नाफ़रमानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है <br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />ये अश’आर ख़ास तौर पर अच्छे लगे ,एक अच्छी ग़ज़ल से रु ब रु हुए पाठक <br /><br />जनाब एक सवाल था कि <br />नेकी कर दरिया में डाल, कहने वाले <br /><br />इस मिसरे पर नज़रे सानी की ज़रूरत तो नहीं?इस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-59122738908347510352010-04-17T03:10:23.622-07:002010-04-17T03:10:23.622-07:00सर्वत जी भई कमाल का लिखते है, बार बार पढने को दिल ...सर्वत जी भई कमाल का लिखते है, बार बार पढने को दिल करता हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-86337368391042575722010-04-16T21:59:59.105-07:002010-04-16T21:59:59.105-07:00हम तो बस इंतज़ार में रहते हैं, कब आप की ग़ज़ल से अस...हम तो बस इंतज़ार में रहते हैं, कब आप की ग़ज़ल से अस्त्र-शास्त्र निकलेंगे...<br />जबर्दस्त शेरो से भरी है ये ग़ज़ल.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-29010986798295752492010-04-16T13:49:16.390-07:002010-04-16T13:49:16.390-07:00श्रद्धेय सर्वत साहब
आपको पढ़ना मेरे लिए हमेशा &q...श्रद्धेय सर्वत साहब <br /><br />आपको पढ़ना मेरे लिए हमेशा "अच्छा शगुन" की तरह रहा है <br />आपको पढ़ पढ़ कर सीखा है |<br /><br />अपना तो कागज़ पर लिखना मुश्किल है <br />और अनपढ़ तो पानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />बस, कुछ दिन, खेती भी किस्सा हो जाए <br />खेती और किसानी पर भी लिक्खेंगे <br /><br />इन्हें पढ़ कर आज भी बहुत कुछ सीखने को मिलावीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8985437961736548388.post-79887014342681284702010-04-16T10:04:01.682-07:002010-04-16T10:04:01.682-07:00सर्वत जी मैने पहले एक बार ब्लॉग सम्मेलन के रिपोर्ट...सर्वत जी मैने पहले एक बार ब्लॉग सम्मेलन के रिपोर्टिंग में आप के नाम के महान ग़ज़ल कार प्रयोग किया था उस समय मैने आपको पढ़ नही था बस लोगो से सुना था ..आज लग रहा है मैने सही लिखा था..मुझे ग़ज़ल की बारीकियों के बारे में बहुत जानकारी तो नही है पर हाँ एक बात ज़रूर करूँगा.ऐसी ग़ज़ल लिखना आसान नही...बहुत बढ़िया ग़ज़ल..धन्यवाद सर्वत जी....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com